जौनपुर। शाहगंज कोतवाली क्षेत्र अन्तर्गत नटौली गांव में नव स्थापित डा भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति को अनुमति न होने के चलते रविवार सायं जद्दोजहद के बीच हटाया गया। इस दौरान उपजिलाधिकारी राजेश चौरसिया, तहसीलदार आशीष सिंह, क्षेत्राधिकारी अजीत सिंह चौहान समेत सर्किल पुलिस मौजूद रही। नटौली ग्राम के अहियापुर पुरवा दलित बस्ती में ग्राम सभा की भूमि पर बीते माह 30 मार्च को स्थापित किया गया था। 14 अप्रैल अम्बेडकर जयंती पर मूर्ति का अनावरण होना था।
इसी बीच प्रशासन को बगैर अनुमति मूर्ति स्थापित करने की सूचना मिली। जिसके बाद सक्रिय हुये पुलिस मौके पर पहुंचा। माहौल गर्म देख पुलिस ने तहसील प्रशासन को सूचना दी। कोतवाली प्रभारी दीपेंद्र सिंह के मान मनौव्वल में फेल होने के बाद मौके पर तहसीलदार पहुंचे। वहीं क्षेत्राधिकारी व एसडीएम भी मौके पर आयें। लोगों को समझा बुझाकर स्थापित मूर्ति कों उखाड़ा गया। वहीं माहौल बिगड़ता देख सर्किल के थानों से फोर्स बुला लिया गया। तब कहीं जाकर मूर्ति को ठेले पर लाद बगल के घर में रखवाया गया।
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अम्बेडकर मूर्ति स्थापित करने के दौरान उग्र भीड़ किसी की बात सुनने को तैयार नहीं थी। इसी दौरान पहुंचे तहसीलदार आशीष सिंह ने लोगों को समझाया कि जिसने देश के संविधान की रचना की। संविधान से ही पूरा देश समाज शासन प्रशासन चलता है। उसी की मूर्ति बगैर परमिशन के स्थापित करना कहां तक उचित है। यह बात पढ़ें लिखे लोगों को समझ में आया। जिसके बाद विरोध की सुर कुछ हद तक शांत हुआ। इसी दौरान अहियापुर पुरवा के दलित पिंटू पुत्र राम सुवारथ कों दूसरे पुरवा के कुछ लोगों ने पीट दिया। जिससे भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी। जिसके बाद अहियापुर पुरवा के लोग प्रशासन की बात मानने को तैयार हुये।
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पुलिस व ग्रामिणो के बीच तीन घंटे तक जद्दोजहद चलता रहा। खासतौर से महिलाएं युवा वर्ग उग्र रहा। जिससे पुलिस के हाथ पांव फूले रहे। ग्रामिणो का आरोप है कि 15 दिनों से मूर्ति लगी है। अभी तक पुलिस प्रशासन कहां था। बाबा अम्बेडकर की जयंती के ठीक एक दिन पूर्व अपमानित करने का काम पुलिस प्रशासन ने किया है। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में दलित मौजूद रहे।
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