जौनपुर। सूबे के मुखिया एक तरफ़ जहां भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार करते हुए अपने मातहतों को जनहित के कार्यों को प्रमुखता से निपटाने की नसीहत दे रहे हैं तो वही जनपद के एआरटीओ में छः सालों से तैनात आरआई भ्रष्टाचार की पटकथा लिख रहे हैं। जबकि शासकीय नियमों के अनुसार तीन वर्ष के बाद स्थानांतरण हो जाना चाहिए पर, शासन स्तर पर मजबूत पकड़ के चलते दो जिले का प्रभार ग्रहण किए बैठे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आरआई अशोक कुमार श्रीवास्तव पहले सुल्तानपुर का अतिरिक्त प्रभार लिए थे अब गाजीपुर का प्रभार लिए हैं। अब ऐसे में समझने वाली बात यह है कि एक आरआई के लिए लाइसेंस पटल हेतु प्रतिदिन का 180 सीट निर्धारित किया गया है और इन्हीं के ऊपर वाहनों फिटनेस के जांच की भी जिम्मेदारी होती है। अब ऐसे में एक और अतिरिक्त जिले का प्रभार लेने के कारण, न तो यहां के ही लाइसेंस पटल का काम समय से हो पा रहा है न ही वाहनों के फिटनेस की जांच हो पा रही है। दो जिलों का प्रभार लेने के कारण लॉगिन आईडी भी आधे दिन उधर आधे दिन इधर के बीच बंट जाती है। इस कारण फिटनेस कराने के लिए आए वाहनों को कई घंटों तक खड़ा रहकर के इंतजार करना पड़ता है, जिससे इर्द गिर्द के एजेंटों की चांदी कटती रहती है। अब ऐसे में आसानी से समझा जा सकता है कि, भ्रष्टाचार के खिलाफ़ जीरो ट्रांलरेंस की नीति और वाहन स्वामियों/अभ्यर्थियों की सुविधा को लेकर परिवहन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी किस क़दर गंभीर हैं।
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