जौनपुर। वाजिदपुर तिराहे पर स्थित आकांशा नर्सिंग होम के खिलाफ जिलाधिकारी ने जांच का आदेश दिया है। मामला ये है कि अधिवक्ता उमेश उपाध्याय की पत्नी बिगड़ी तो वो उपचार के लिए सदर अस्पताल ले गए। वहां सरकारी डॉक्टर एसपी तिवारी को दिखाया तो उन्होंने कहा कि पथरी है, आप हमारे निजी अस्पताल वाजिदपुर तिराहे आकांशा नर्सिंग होम ले चलिए वहां अच्छा उपचार होगा। 16 तारीख को दूरबीन विधि से ऑपरेशन किया इसके बाद ओपन ऑपरेशन 19 किया। 28 तारीख को फिर टाका लगाया गया। लगभग एक महीने से उपचार चल रहा है। पीड़ित अधिवक्ता का कहना है कि मेडिकल बोर्ड का गठन करके सही उपचार कराया जाय। आरोप लगाया कि जिला अस्पताल में मात्र एक घंटा उक्त चिकित्सक बैठकर मरीज देखते है और ज्यादातर समय अपनी निजी अस्पताल में प्रैक्टिस करते है। चिकित्सक दलालों के माध्यम से जिला अस्पताल से मरीज को अच्छे उपचार का भरोसा दिलाकर अपने निजी अस्पताल लाते है। इन सब शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने जांच टीम गठित कर दी है।
सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे है..
जिला अस्पताल में तैनात कई चिकित्सक सरकार की मंशा पर पलीता लगा रहे है। सरकार से अच्छा वेतन मिलने के बाद भी संतुष्ट न होने वाले चिकित्सकों की भूख इस कदर बढ़ी है कि वहां से मरीजों को लेकर अपने निजी अस्पतालों में उपचार करते है। असहाय मरीज जिसे सरकार सारी सुविधा दे रही उपचार का उनका खून चूसा जा रहा है। ऐसे चिकित्सक जो दोहरा लाभ ले रहे ऐसे लोगों पर कठोर कारवाई की मांग की जा रही है। ये मामला जब सामने आया तो पता चला कि जिला अस्पताल से मरीजों को डायवर्ट करके अपने नर्सिंग होम में इलाज करने का गोरख धंधा चल रहा है। ऐसे कई और चिकित्सक है जिनका नाम अभी परदे के पीछे है।
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