जौनपुर। मां शीतला चौकियां धाम में शारदीय नवरात्र के पहले दिन यानी गुरूवार को शीतला माता रानी का शैलपुत्री स्वरूप में भक्तों ने दर्शनकृपूजन किया। इसके पहले प्रातःकाल 4 बजे मन्दिर के कपाट खुलने के पश्चात माता रानी का भव्य श्रृंगार कर आरती-पूजन किया गया।
मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा बारे में देवी भागवत पुराण में विस्तार से बताया गया है। नवरात्रि के प्रथम दिन मां के शैलपुत्री स्वरूप की उपासना होती है। हिमालय की पुत्री होने के कारण इनको शैलपुत्री कहा जाता है। पूर्व जन्म में इनका नाम सती था और ये भगवान शिव की पत्नी थीं। सती के पिता दक्ष प्रजापति ने भगवान शिव का अपमान कर दिया था। इसी कारण सती ने अपने आपको यज्ञ अग्नि में भस्म कर लिया था। अगले जन्म में यही सती शैलपुत्री बनीं और भगवान शिव से ही विवाह किया। माता शैलपुत्री की पूजा से सूर्य संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। शीतला चौकियां धाम में मन्दिर खुलने के पूर्व ब्रम्ह मुहूर्त से ही माता रानी के दर्शन के लिये भक्तों की लम्बी कतार लगी रही। दुर्गा सप्तशती पाठ, वैदिक मंत्रोच्चारण, हवन-पूजन माता रानी के जयकारों एवं घण्टों की गूंज से सारा वातावरण मनमोहक एवं भक्तिमय हो गया। कतार में खड़े दर्शनार्थी बारी-बारी से दर्शन-पूजन करते नजर आये। वहीं पूर्वांचल के कोने-कोने से आये श्रद्धालु मुंडन संस्कार, कढ़ाही, पूजन आदि करके परिवार समेत मां के चरणों में मत्था टेकते हुये सुख, शान्ति, समृद्धि, धन, यश, वैभव की कामना किये। वहीं ग्रामीणांचल में भी नवरात्र पर पूजा पाठ का दौर शुरू हो गया है।
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